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Thursday, December 26, 2024

विराट कोहली ने कोंस्टास को टक्कर मारी, आईसीसी ने की ये कार्रवाई

 

विराट कोहली ने कोंस्टास को टक्कर मारी, आईसीसी ने की ये कार्रवाई


भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच मेलबर्न में बॉक्सिंग डे टेस्ट के पहले ही दिन ऐसा विवाद हो गया, जिसके कारण विराट कोहली और सैम कोंस्टास सुर्ख़ियों में आ गए हैं.

बॉर्डर-गावसकर ट्रॉफ़ी का चौथा टेस्ट गुरुवार से मेलबर्न में शुरू हुआ है.

इस टेस्ट मैच में ऑस्ट्रेलिया के कप्तान पैट कमिंस ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाज़ी करने का फ़ैसला किया.

ऑस्ट्रेलिया की ओर से सैम कोंस्टास और उस्मान ख़्वाजा ने पारी की शुरुआत की. सैम कोंस्टास का ये पहला टेस्ट है. कोंस्टास सिर्फ़ 19 साल के हैं और अपनी बल्लेबाज़ी के कारण चर्चित रहे हैं.

                         

Wednesday, December 25, 2024

 सरकारी खजाने से चुराए 21 करोड़, गर्लफ्रेंड को गिफ्ट किया 4 BHK फ्लैट, होश उड़ा देगा 13 हजार सैलरी वाले का कारनामा



छत्रपति संभाजीनगर जिले में हुई इस घटना ने सबको चौंका दिया। हर्षल कुमार नाम के कर्मचारी ने अपने एक साथी के साथ मिलकर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स एडमिनिस्ट्रेशन से इंटरनेट बैंकिंग के जरिए पैसे चुराए। वह मुख्य रूप से कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर कंप्यूटर ऑपरेटर का काम करता था। 

                            

महाराष्ट्र में छत्रपति संभाजीनगर के डिविजनल स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में 21 करोड़ 59 लाख का घोटाला सामने आने के बाद हर कोई हैरान है। यहां के एक सरकारी कर्मचारी ने करोड़ों की धांधली करके BMW कार और बाइक खरीदी। यहां तक कि उसने अपनी गर्लफ्रेंड को 4BHK फ्लैट गिफ्ट किया। यह कर्मचारी कॉन्ट्रैक्ट पर काम करता था और उसकी तनख्वाह सिर्फ 13,000 रुपये थी।



सरकारी स्पोर्ट्स क्लब के खजाने से चुराए 21.59 करोड़



छत्रपति संभाजीनगर जिले में हुई इस घटना ने सबको चौंका दिया। हर्षल कुमार अनिल क्षीरसागर नाम के इस कर्मचारी ने अपने एक साथी के साथ मिलकर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स एडमिनिस्ट्रेशन से इंटरनेट बैंकिंग के जरिए पैसे चुराए। आरोपी मुख्य रूप से कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर कंप्यूटर ऑपरेटर का काम करता था।



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21.59 करोड़ रुपये के मामले में मुख्य आरोपी फिलहाल फरार है और पुलिस उसकी तलाश कर रही है। मंगलवार को छत्रपति संभाजीनगर शहर पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने औरंगाबाद एयरपोर्ट के पास 4बीएचके फ्लैट की तलाशी ली। अधिकारियों ने करीब चार घंटे तक फ्लैट की तलाशी ली, लेकिन उन्हें केवल घरेलू सामान ही मिला। आरोपी द्वारा इस मामले में कुछ अन्य लोगों की भी मदद ली गई थी जिनमें यशोदा शेट्टी और उसके पति बी के जीवन शामिल थे। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस की तरफ से सभी अकाउंट्स और जुड़े हुए दस्तावेज जप्त करते हुए फ्रीज कर लिए गए हैं। पुलिस को शक है कि इसमें कुछ और लोग शामिल हो सकते हैं।



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कैसे किया स्कैम?



मुख्य आरोपी ने कथित तौर पर खेल विभाग के पुराने लेटरहेड का इस्तेमाल किया और बैंक को एक ईमेल भेजा, जिसमें खेल परिसर के बैंक खाते से जुड़े ईमेल पते को बदलने का अनुरोध किया गया था। उसने सिर्फ एक अक्षर बदलकर एक समान ईमेल पता तैयार किया था। मुख्य आरोपी नए बनाए गए ईमेल को उपयोग करने में सक्षम था। फिर उसने जालना रोड पर एक राष्ट्रीयकृत बैंक के साथ डिवीजनल स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स कमेटी के खाते के लिए नेटबैंकिंग सर्विस एक्टिव की। पुलिस ने बताया कि 1 जुलाई से 7 दिसंबर 2024 के बीच कंप्यूटर ऑपरेटर ने अपने और 12 अन्य बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर किए। इनमें से एक खाते में 3 करोड़ रुपये आए।



BMW कार, एसयूवी और BMW बाइक खरीदी



जांच में पता चला है कि फरार कंप्यूटर ऑपरेटर ने 1.2 करोड़ की एक बीएमडब्ल्यू कार, 1.3 करोड़ की एक और एसयूवी, 32 लाख की एक बीएमडब्ल्यू मोटरसाइकिल और एक आलीशान 4BHK फ्लैट खरीदा है। उसने अपनी गर्लफ्रेंड के लिए हीरे जड़े चश्मे का भी ऑर्डर दिया था। पुलिस ने बीएमडब्ल्यू कार और बाइक को पहले ही जब्त कर लिया है। जांच में पता लगा कि आरोपी में 12 अलग-अलग अकाउंट में पैसे ट्रांसफर किए थे।



फिलहाल पुलिस की इकोनामिक ऑफेंस विंग दफ्तर में जुड़े हुए सभी लोगों से पूछताछ कर रही है और आगे कुछ अन्य लोगों से भी पूछताछ की जा सकती है। यह पूरा मामला तब सामने आया जब स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट के अधिकारी दीपक कुलकर्णी ने जवाहर नगर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई

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बुद्ध और नालागिरी हाथी


 बुद्ध और नालागिरी हाथी

बुद्ध का ममेरा भाई देवदत्त सदा ही बुद्ध को नीचा दिखाने की चेष्टा में लगा रहता था, मगर उसे हमेशा मुँह की ही खानी पड़ती थी।

एक बार बुद्ध जब कपिलवस्तु पहुँचे तो अनेक कुलीन शाक्यवंसी राजकुमार उनके अनुयायी बने। देवदत्त भी उनमें से एक था।

                       

कुछ समय पश्चात् देवदत्त ने भी कुछ जादुई शक्तियाँ प्राप्त कीं और एक बार उनका प्रदर्शन मगध के भावी सम्राट अजातशत्रु के समक्ष किया। वहाँ वह एक शिशु के रुप में प्रकट हुआ जिसने साँप की मेखला बाँधी हुई थी। तभी से अजातशत्रु उसे परम आदर की दृष्टि से देखा करता था।

कुछ दिनों के बाद देवदत्त मगध से लौट कर जब संघ में वापिस आया तो उसने स्वयं को बुद्ध से श्रेष्ठ घोषित किया और संघ का नेतृत्व करना चाहा। भिक्षुओं को बुद्ध से विमुख करने के लिए उसने यह कहा हैं कि बुद्ध तो बूढ़े हो चुके थे और सठिया गये हैं। किन्तु भिक्षुओं ने जब उसकी कोई बात नहीं सुनी तो वह बुद्ध और संघ दोनों से द्वेष रखने लगा।

खिन्न होकर वह फिर वापिस मगध पहुँचा और अजात शत्रु को महाराज बिम्बिसार का वध करने के लिए प्रेरित किया क्योंकि बिम्बिसार बुद्ध और बौद्धों को प्रचुर प्रश्रय प्रदान करते थे। प्रारंभिक दौर में बिम्बिसार को मरवाने की उसकी योजना सफल नहीं हुई। अत: उसने सोलह धुनर्धारियों को बुद्ध को मारने के लिए भोजा। किन्तु बुद्ध के व्यक्तित्व से प्रभावित हो सारे उनके ही अनुयायी बन गये।

क्रोध में देवदत्त ने तब बुद्ध पर ग्रीघकूट पर्वत की चोटी से एक चट्टान लुढ़काया जिसे पहाड़ से ही उत्पन्न हो दो बड़े पत्थरों ने रास्ते में ही रोक दिया।

देवदत्त के क्रोध की सीमा न रही। उसने एक दिन मगध राज के अस्तबल में जाकर एक विशाल हाथी नालगिरी को ताड़ी पिलाकर बुद्ध के आगमन के मार्ग में भेज दिया। नालगिरी के आगमन से सड़कों पर खलबली मच गई और लोग जहाँ-तहाँ भाग खड़े हुए। तभी बुद्ध भी वहाँ से गुजरे। ठीक उसी समय एक घबराई महिला अपने बच्चे को हाथी के सामने ही छोड़ भाग खड़ी हुई। जैसे ही नालगिरि ने बच्चे को कुचलने के लिए अपने पैर बढ़ाये बुद्ध उसके ठीक सामने जा खड़े हुए। उन्होंने हाथी के सिर को थपथपाया। बुद्ध के स्पर्श से नालगिरि उनके सामने घुटने टेक कर बैठ गया।

नालगिरि हाथी की इस घटना से देवदत्त मगध में बहुत अप्रिय हुआ और उसे तत्काल ही नगर छोड़ कर भागना पड़ा।

तेनालीराम बने महामूर्ख

तेनालीराम बने महामूर्ख

विजयनगर के राजा कृष्णदेव राय होली का त्योहार बड़ी धूम-धाम से मनाते थे। इस अवसर पर हास्य-मनोरंजन के कई कार्यक्रम होते थे। हर कार्यक्रम के सफल कलाकार को पुरस्कार भी दिया जाता था। सबसे बड़ा पुरस्कार ‘महामूर्ख’ की उपाधि पाने वाले को दिया जाता था।
कृष्णदेव राय के दरबार में तेनालीराम सब का मनोरंजन करते थे। वह बहुत तेज दिमाग के थे। उन्हें हर साल का सर्वश्रेष्ठ हास्य-कलाकर का पुरस्कार तो मिलता ही था, ‘महामूर्ख’ का खिताब भी हर साल वही जीत ले जाते। दरबारी इस कारण से उनसे जलते थे। उन्होंने एक बार मिलकर तेनालीराम को हराने की युक्ति निकाली।

                            


इस बार होली के दिन उन्होंने तेनालीराम को खूब छककर भंग पिलवा दी। होली के दिन तेनालीराम भंग के नशे में देर तक सोते रहे। उनकी नींद खुली तो उन्होंने देखा दोपहर हो रही थी। वह भागते हुए दरबार पहुंचे। आधे कार्यक्रम खत्म हो चुके थे।

कृष्णदेव राय उन्हें देखते ही डपटकर पूछ बैठे, “अरे मूर्ख तेनालीराम जी, आज के दिन भी भंग पीकर सो गए?”

राजा ने तेनालीराम को मूर्ख कहा, यह सुनकर सारे दरबारी खुश हो गए। उन्होंने भी राजा की हां में हां मिलाई और कहा, “आपने बिल्कुल ठीक कहा, तेनालीराम मूर्ख ही नहीं महामूर्ख है।”

जब तेनालीराम ने सब के मुंह से यह बात सुनी तो वे मुस्कराते हुए राजा से बोले, “धन्यवाद महाराज, आपने अपने मुंह से मुझे महामूर्ख घोषित कर आज के दिन का सबसे बड़ा पुरस्कार दे दिया।”

तेनालीराम की यह बात सुनकर दरबारियों को अपनी भूल का पता चल गया, पर अब वे कर भी क्या सकते थे? क्योंकि वे खुद ही अपने मुंह से तेनालीराम को महामूर्ख ठहरा चुके थे। हर साल की तरह इस साल भी तेनालीराम ‘महामूर्ख’ का पुरस्कार जीत ले गए।

आख़िर कैसे हुई 25 दिसंबर को क्रिसमस मनाने की शुरुआत? जानिए इसकी दिलचस्प कहानी...



  आख़िर कैसे हुई 25 दिसंबर को क्रिसमस मनाने की शुरुआत? जानिए इसकी दिलचस्प कहानी...


Story Behind Chrismas Day: क्रिसमस 25 दिसंबर को प्रभु यीशु मसीह के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। इसका कनेक्शन सैंटा क्लॉज से भी है, जिनका असली नाम सांता निकोलस है। यीशु और सांता दोनों ने लोगों की सहायता की, इसलिए क्रिसमस पर सैंटा बच्चों को उपहार देते हैं। यीशु का जन्म बैथलहम में मैरी और जोसेफ के घर हुआ था।

                            

                            

Chrismas Day History in Hindi: क्रिसमस ईसाई धर्म का सबसे बड़ा त्योहार है। 25 दिसंबर को हर साल इस त्योहार को धूमधाम से मनाया जाता है। ईसाई लोग तरह-तरह के केक बनाकर अपनों के साथ खुशी बांटते हैं। मान्यता है कि इसी दिन प्रभु यीशु मसीह का जन्म हुआ था। ईसाई धर्म के अनुसार, यीशु का जन्म बेथलहम में मैरी और जोसेफ के घर हुआ था। सेक्सटस जूलियस अफ्रीकानस ने 221 ई. में सबसे पहले 25 दिसंबर को यीशु का जन्मदिन मनाने का फैसला किया था। तब से लेकर आज तक दुनिया भर में 25 दिसंबर को क्रिसमस डे मनाया जाता है। चर्च में क्रिसमस की घंटियां बजती हैं, रंग-बिरंगी रोशनियां जगमगाती हैं और सुंदर सजावट होती ह


रोमन लोग मानते थे कि 25 दिसंबर को सर्दियों में सूर्य का जन्म होता है। एक और मान्यता यह भी है कि यीशु की माँ मैरी 25 मार्च को गर्भवती हुई थीं। नौ महीने बाद, 25 दिसंबर को यीशु का जन्म हुआ।



सैंटा क्लॉज का असली नाम और कहानी



क्रिसमस पर यीशु का जन्म हुआ था, लेकिन इसे सैंटा क्लॉज के नाम से क्यों मनाया जाता है? सैंटा का असली नाम सांता निकोलस था। यह कहानी 280 ईस्वी में तुर्की में शुरू हुई। सांता उत्तरी ध्रुव में अपनी पत्नी मिसेज क्लॉज के साथ रहते थे। वे सफेद दाढ़ी वाले खुशमिजाज इंसान थे, जिनके दिल में दया भावना कूट-कूट कर भरी थी। संत निकोलस जरूरतमंद और बीमार लोगों की मदद करते थे।



क्रिसमस डे पर क्रिसमस ट्री की सजावट



क्रिसमस के मौके पर लोग अपने घरों को सजाते हैं। उन्हें उम्मीद होती है कि सैंटा उन्हें ढेर सारे उपहार देंगे। क्रिसमस का त्यौहार बच्चों के लिए खास होता है। वे नए कपड़े पहनते हैं, मिठाइयां खाते हैं और खूब मस्ती करते हैं। क्रिसमस ट्री सजाना इस त्यौहार का खास हिस्सा है। लोग एक-दूसरे को उपहार देते हैं और क्रिसमस की शुभकामनाएं देते हैं। बच्चे सैंटा क्लॉज का बेसब्री से इंतजार करते हैं।



स्किन के लिए सुबह इन ड्रिंक्स को पीना बेहद फायदेमंद | Morning Drinks For Natural Glowing Skin

 स्किन के लिए सुबह इन ड्रिंक्स को पीना बेहद फायदेमंद | Morning Drinks For Natural Glowing Skin.          

          

 आप अपने दिन की शुरुआत कैसे करते हैं इसका सीधा असर हमारी स्किन पर पड़ता है. चाहे वह खानपान हो या लाइफस्टाइल की अन्य आदतें, सभी हमारे स्किन केयर (Skin Care) में बड़ी भूमिका निभाती हैं. हमें पता होना चाहिए कि ग्लोइंग स्किन पाने के लिए क्या करें और क्या नहीं. अगर सिर्फ मॉर्निंग स्किन केयर रूटीन (Morning Skin Care Routine) बदलने से हमें एक नेचुरल ग्लोइंग स्किन मिल जाती है तो भला इसमें क्या बुरा है, लेकिन ज्यादातर लोग आलस की वजह से एक अच्छा स्किन केयर रूटीन (Skin Care Routine) फॉलो नहीं करते हैं और बाकी लोगों से पीछे रह जाते हैं. चमकदार स्किन (Glowing Skin) पाना हर किसी की ख्वाइस होती है. खराब स्किन जिसमें त्वचा पर झाइयां, दाग धब्बे और डलनेस हमारे अंदर की गंदगी की वजह से हो सकती है. ऐसे में हमें सबसे पहले अंदर की खूबसूरती को बनाए रखने की जरूरत है. यहां ऐसी 5 ड्रिंक्स (Drinks) हैं जिन्हें सुबह उठने के बाद सबसे पहले सेवन करने से आपको बेहतरीन रिजल्ट मिलने की उम्मीद है. बशर्ते आप इसे रेगुलर बेसिस पर करें.

स्किन के लिए सुबह इन ड्रिंक्स को पीना बेहद फायदेमंद | Morning Drinks For Natural Glowing Skin

पानी के साथ अपना दिन शुरू करने के अलावा आप अपनी चमकदार स्किन के कुछ अन्य ड्रिंक्स को भी अपने मॉर्निंग स्किन केयर रूटीन में शामिल कर सकते हैं. यहां जानिए.

1. नींबू पानी में शहद मिलाकर पिएं

गुनगुने पानी में नींबू और शहद मिलाकर सेवन करने से ये स्किन के लिए कमाल का काम कर सकता है. नींबू का रस त्वचा रोग पैदा करने वाले फंगल के खिलाफ लड़ने में मदद करता है. इसके अलावा, इसमें विटामिन सी होता है जो त्वचा जवां बनाए रखने के लिए बेहद जरूरी है. ये हेल्दी स्किन सेल्स को बढ़ावा देता है

2. फलों का रस पिएं

आपको सुबह सबसे पहले ताजा फलों को निचोड़ना है और उसके रस का सेवन करना है वह भी रेसों के साथ यानि आपको जूस को छानने के लिए छननी का इस्तेमाल नहीं करना है. आप सेब के जूस का सेवन कर सकते हैं. सेब में एंटीऑक्सिडेंट होते हैं जो स्किन पर समय से पहले उम्र बढ़ने के संकेतों को रोकने में मदद करते हैं, आप अनार के जूस का सेवन कर सकते हैं. इसमें एंटी-एजिंग गुण होते हैं जो स्किन सेल्स को रिजनरेट करने में मदते हैं. इसके साथ ही आप संतरे का जूस पी सकते है

3. ग्रीन टी का सेवन करें

ग्रीन टी का सेवन करने से आपको मेटाबॉलिज्म को बढ़ाने में मदद मिलती है. इसके साथ ही ग्रीन टी में कैटेचिन नामक एक फ्लेवोनोइड होता है, जो एक एंटीऑक्सिडेंट है जो त्वचा की उम्र बढ़ने में देरी करता है और एंटी एजिंग प्रभाव देता ह

4. सब्जियों का जूस पिएं

सब्जियों का जूस विटामिन और कई अन्य पोषक तत्वों से भरा होता है और स्किन के लिए कमाल कर सकता है. अपने दिन की शुरुआत एक गिलास ताजा सब्जियों के रस के साथ करने से स्किन को नेचुरल ग्लो पाने में मिल सकती है.

 

5. खीरा और पालक का जूस

खीरा और पालक का जूस स्किन को नेचुरल तरीके से चमकदार बनाए रखने में मदद कर सकता है. ये न सिर्फ स्किन को हाइड्रेट रखता है बल्कि बॉडी को भी डिटॉक्स कर सकता है और ग्लोइंग स्किन के लिए शरीर के गंदगी को बाहर निकालना कितना जरूरी है ये आप भी जानते है

Tuesday, December 24, 2024

KVS Admission 2025: बच्चों के लिए केंद्रीय विद्यालय में सीट पाने का मौका, जल्दी करें आवेदन

 

KVS Admission 2025: बच्चों के लिए केंद्रीय विद्यालय में सीट पाने का मौका, जल्दी करें आवेदन

                 

(KVS Admission 2025) केंद्रीय विद्यालय संगठन (KVS) ने 2025 के लिए अपने स्कूलों में प्रवेश प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह एक शानदार मौका है उन माता पिता के लिए, जो अपने बच्चों को बढ़िया शिक्षा प्रदान करना चाहते हैं। केंद्रीय विद्यालय अपनी बढ़िया शिक्षा प्रणाली, अनुभवी शिक्षक, और आधुनिक सुविधाओं के लिए प्रसिद्ध हैं। इस बार आवेदन प्रक्रिया सरल और ऑनलाइन है, जिससे देश के किसी भी कोने से आवेदन किया जा सकता है। आवेदन की अंतिम तिथि का ध्यान रखें ताकि आप इस मौके से वंचित न रहें। इस लेख में, हम आपको KVS एडमिशन से जुड़ी योजना, पात्रता, आवश्यक दस्तावेज, और आवेदन प्रक्रिया की जानकारी देंगे।

KVS Admission 2025

राष्ट्रीय स्तर की शिक्षा: KVS का उद्देश्य सभी बच्चों को समान और उत्कृष्ट शिक्षा प्रदान करना है।

मॉडर्न सुविधाएं: हर स्कूल में लैब, लाइब्रेरी, और खेलकूद की सुविधाएं।

नॉमिनेशन सिस्टम: कुछ विशेष कैटेगरी के लिए सीटें आरक्षित हैं, जैसे सरकारी कर्मचारी, रक्षा कर्मी, आदि।

ऑनलाइन आवेदन: इस साल आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह से डिजिटल है।

केंद्रीय विद्यालय संगठन 2025 : पात्रता

आयु सीमा: कक्षा 1 में प्रवेश के लिए बच्चे की आयु 5 से 7 वर्ष होनी चाहिए।

विशेष श्रेणियां:

सरकारी कर्मचारियों के बच्चों को प्राथमिकता।

रक्षा कर्मियों और ट्रांसफर योग्य नौकरी वालों के बच्चों को लाभ।

स्थान: केवल उन्हीं बच्चों का एडमिशन होगा, जिनके अभिभावक विद्यालय के निकट क्षेत्र में रहते हैं।

और देखो : फौजी बनने का सुनहरा मौका, ITBP में निकली कांस्टेबल भर्ती

जरूरी दस्तावेज

जन्म प्रमाण पत्र।

आवास प्रमाण पत्र।

माता-पिता का नौकरी प्रमाण पत्र।

पिछली कक्षा का रिपोर्ट कार्ड (यदि लागू हो)।

पासपोर्ट साइज फोटो।

आवेदन प्रक्रिया

ऑनलाइन पोर्टल पर जाएं: KVS की आधिकारिक वेबसाइट (kvsonlineadmission.kvs.gov.in) पर विजिट करें।

रजिस्ट्रेशन करें: अपना अकाउंट बनाएं और लॉगिन करें।

फॉर्म भरें: बच्चे की पूरी जानकारी सही-सही भरें।

दस्तावेज अपलोड करें: सभी आवश्यक दस्तावेज स्कैन करके अपलोड करें।

फीस जमा करें: आवेदन शुल्क का ऑनलाइन भुगतान करें।

फॉर्म सबमिट करें: सभी जानकारी जांचने के बाद सबमिट बटन पर क्लिक करें।

अगर आप भी अपने बचे को KVS मे एडमिशन करवाना कहते है तो जल्दी करें! आवेदन की प्रक्रिया सीमित समय तक ही खुली है। यह मौका आपके बच्चे के भविष्य को नई दिशा देने का सुनहरा अवसर हो सकता है।
तो दोस्तों अगर आपको हमारा ये आर्टिकल पसंद आया हो तो हमारे इस आर्टिकल को अपने दोस्तों और परिवार वालों के साथ जरूर शेयर करें।

Railway Group D Vacancy 2025 : रेलवे में दसवीं पास के लिए 32000 से अधिक पदों पर ग्रुप डी के पदों पर भर्ती, यहां से देखें पूरी जानकारी

 

Railway Group D Vacancy 2025 : रेलवे में दसवीं पास के लिए 32000 से अधिक पदों पर ग्रुप डी के पदों पर भर्ती, यहां से देखें पूरी जानकारी

                     

Railway Group D Vacancy 2025 : लंबे इंतजार के बाद आखिरकार ग्रुप डी वैकेंसी 2025 का इंतजार कर रहे छात्रों के लिए बड़ी खबर आ रही है. क्योंकि भारतीय रेलवे द्वारा रेलवे ग्रुप डी भर्ती से संबंधित अधिसूचना जारी की है. जिसमें बताया गया है कि रेलवे ग्रुप डी वैकेंसी लगभग 32000 से अधिक पदों पर आयोजित की जाएगी। रेलवे ग्रुप डी भर्ती 2025 जो देश की सबसे बड़ी सरकारी नौकरी के अवसरों में से एक है। पिछली बार यह परीक्षा एक लाख से अधिक पदों पर आयोजित हुई थी। इस भर्ती प्रक्रिया के तहत दसवीं पास उम्मीदवारों के लिए विभिन्न पद, जैसे स्टेशन मास्टर, ट्रैक मेंटेनर, गेटमैन, और अन्य तकनीकी और गैर-तकनीकी पद है। यदि आप भी रेलवे ग्रुप डी भर्ती 2025 के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो इसलिए के माध्यम से पूरी जानकारी उपलब्ध करवाई जाएगी। इसमें हम आरआरबी ग्रुप डी भर्ती की प्रक्रिया, पात्रता मानदंड, महत्वपूर्ण तिथियां, चयन प्रक्रिया, वेतन और अन्य जरूरी जानकारी के बारे में बताएंगे।

Railway Group D Vacancy 2025

रेलवे ग्रुप डी भर्ती 2025 क्या है?

रेलवे ग्रुप डी भर्ती भारतीय रेलवे के विभिन्न डिवीजनों और जोनल रेलवे में नॉन-गैजेटेड पदों पर कर्मचारियों की भर्ती के लिए आयोजित की जाती है। यह भर्ती प्रक्रिया रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड (RRB) द्वारा आयोजित की जाती है। ग्रुप डी के तहत, विभिन्न क्षेत्रों में जैसे ट्रैक मैन, गेट मैन, स्टेशन मास्टर, कार्गो गार्ड, और अन्य तकनीकी पदों के भर्ती का आयोजन किया जाता है। 2019 में इस भर्ती का आयोजन किया गया था जो लगभग 100000 से अधिक पदों पर आयोजित की गई थी.

रेलवे ग्रुप डी भर्ती 2025: हाइलाइट्स

उम्मीदवार नीचे आरआरबी ग्रुप डी भर्ती 2025 के मुख्य विवरण देख सकते हैं।

पैरामीटरविवरणपरीक्षा का नामआरआरबी ग्रुप डी 2025 (Level-1 Posts)संगठन का नामरेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी)नौकरी का स्थानसम्पूर्ण भारत मेंपरीक्षा स्तरराष्ट्रीयपरीक्षा श्रेणीमैट्रिक परीक्षाचयन चरणसीबीटी, शारीरिक दक्षता परीक्षण (पीईटी), दस्तावेज़ सत्यापन और चिकित्सा परीक्षाशैक्षणिक योग्यताकक्षा 10 पासआयु सीमा18 से 33 वर्षपरीक्षा विषयसामान्य विज्ञान, गणित, सामान्य बुद्धि और तर्क, और सामान्य जागरूकता और समसामयिक मामलेपरीक्षा का समय90 मिनटकुल अंकसीबीटी: 100 अंकपरीक्षा मोडऑनलाइननकारात्मक अंकनप्रत्येक गलत उत्तर के लिए 1/3 अंक काटे जाएंगेआधिकारिक वेबसाइट http://www. Indianrailways.gov.in/

आरआरसी रेलवे ग्रुप डी भर्ती 2025 की महत्वपूर्ण तिथियां

रेलवे ग्रुप डी भर्ती 2024 के लिए कुछ महत्वपूर्ण तिथियां इस प्रकार हैं:

घटनातिथिऑनलाइन आवेदन की शुरुआत (Start of Railway Recruitment Group D 2025 Online Application)23/01/2025आवेदन की अंतिम तिथि (Railway Recruitment Group D 22025 Application Form Closes)22/02/2025परीक्षा तिथि (Railway Group D 2025 CBT Exam)जल्दी अपडेट कर दी जाएगीरिजल्ट घोषित होने की तिथि (Railway Group D 2025 CBT Exam Result)जल्दी अपडेट कर दी जाएगी


Railway Recruitment Group D Notification 2025

रेलवे भर्ती ग्रुप डी अधिसूचना 2025 का आधिकारिक नोटिफिकेशन जल्द ही जारी किया जाएगा। अभी हम आपको भारतीय रेलवे द्वारा जारी लेवल वन पोस्ट या ग्रुप डीसे संबंधित नोटिफिकेशन पदों की संख्या तथा किस जोन में कितनी वैकेंसी होगी इसकी जानकारी उपलब्ध करवा रहे हैं. रेलवे ग्रुप डी भर्ती अधिसूचना के अनुसार, कुल 32,438 रिक्तियां की घोषणा की जाएगी। जिसमें 14 प्रकार के पदों पर लेवल-1 वन के पदों पर भर्ती आयोजित की जाएगी। उम्मीदवार नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके ग्रुप डी से संबंधित संपूर्ण जानकारी देख पाएंगे.

Railway Recruitment Group D Vacancy 2025

भारतीय रेलवे द्वारा ग्रुप डी के 32438 पदों पर भर्ती का आयोजन किया जाएगा। इसके संबंध में रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड वेबसाइट द्वारा स्वीकृत रिक्तियों की संख्या जारी कर दी गई है. जिसे आप निम्न टेबल से समझ सकते हैं:

रेलवे ग्रुप डी वैकेंसी 2025 के तहत पद:

रेलवे ग्रुप डी के अंतर्गत 14 प्रकार के पदों पर भर्ती आयोजित की जाएगी। इनमें से कुछ प्रमुख पद इस प्रकार हैं:

पॉइंट्समैन-बी

सहायक (ट्रैक मशीन)

सहायक (ब्रिज)

ट्रैक मेंटेनर ग्रेड IV

सहायक पी-वे

सहायक (सी एंड डब्ल्यू)

सहायक टीआरडी

सहायक (एस एंड टी)

सहायक लोको शेड (डीजल)

सहायक लोको शेड (विद्युत)

सहायक परिचालन (विद्युत)

सहायक टीएल और एसी

सहायक टीएल और एसी (कार्यशाला)

सहायक (कार्यशाला) (यांत्रिक)

क्र.सं.वर्गविभागअधिसूचना हेतु स्वीकृत रिक्तियां1पॉइंट्समैन-बीट्रैफ़िक50582सहायक (ट्रैक मशीन)इंजीनियरिंग7993सहायक (ब्रिज)इंजीनियरिंग3014ट्रैक मेंटेनर ग्रेड IVइंजीनियरिंग131875सहायक पी-वेइंजीनियरिंग2576सहायक (सी एंड डब्ल्यू)यांत्रिक25877सहायक टीआरडीविद्युतीय13818सहायक (एस एंड टी)एस एंड टी20129सहायक लोको शेड (डीजल)यांत्रिक42010सहायक लोको शेड (विद्युत)विद्युतीय95011सहायक परिचालन (विद्युत)विद्युतीय74412सहायक टीएल और एसीविद्युतीय104113सहायक टीएल और एसी (कार्यशाला)विद्युतीय62414सहायक (कार्यशाला) (यांत्रिक)यांत्रिक3077कुल32,438

Railway Group D Bharti 2025 Application Fee

रेलवे ग्रुप D भर्ती के लिए ऑनलाइन आवेदन शुरू होने के बाद आपको ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया में भाग लेना होगा. जिसके लिए निर्धारित आवेदन शुल्क का भुगतान भी करना होगा. रेलवे ग्रुप D परीक्षा 2025 के लिए आवेदन शुल्क अलग-अलग उम्मीदवारों के लिए अलग-अलग रखा गया है.

सामान्य वर्ग अन्य पिछड़ा वर्ग के उम्मीदवारों को 500 रु का भुगतान करना होगा. (जिसमें ₹400 रिफंड कर दिए जाएंगे)

अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति / पूर्व-सैनिक / पीडब्ल्यूडी / महिला / ट्रांसजेंडर / अल्पसंख्यक / आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के उम्मीदवारों को 250 रु आवेदन शुल्क देना होगा. (सीबीटी परीक्षा होने के बाद संपूर्ण आवेदन शुल्क वापस कर दिया जाएगा).

रेलवे ग्रुप डी भर्ती के लिए पात्रता मानदंड (Railway Group D 2025 Eligibility Criteria)

रेलवे ग्रुप डी भर्ती 2025 में आवेदन करने के लिए उम्मीदवार को कुछ शर्तों को पूरा करना आवश्यक है। इन शर्तों में मुख्य रूप से आयु सीमा, शैक्षिक योग्यता और अन्य आवश्यक योग्यताएं शामिल हैं।

आयु सीमा:

सामान्य वर्ग (UR) के उम्मीदवारों के लिए आयु सीमा 18 से 33 वर्ष तक होनी चाहिए।

ओबीसी उम्मीदवारों के लिए आयु में 3 वर्ष की छूट है, यानी 18 से 36 वर्ष तक।

एससी/एसटी उम्मीदवारों के लिए आयु में 5 वर्ष की छूट है, यानी 18 से 38 वर्ष तक।

शैक्षिक योग्यता:

उम्मीदवार का मान्यता प्राप्त संस्थान या बोर्ड से दसवीं कक्षा या समकक्ष उत्तीर्ण होना अनिवार्य है।

इसके अलावा, तकनीकी पदों के लिए संबंधित क्षेत्र में ITI (इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्निकल ट्रेनिंग) उत्तीर्ण होना आवश्यक है।

शारीरिक योग्यता:

रेलवे ग्रुप डी भर्ती में शारीरिक दक्षता परीक्षा भी ली जाएगी। उम्मीदवारों को शारीरिक परीक्षण (PET) में सफल होना आवश्यक है। शारीरिक दक्षता परीक्षा के लिए विवरण निम्न प्रकार है:

Male Candidates (पुरुष उम्मीदवार)Female Candidates (महिला उम्मीदवार)उम्मीदवार को बिना वजन नीचे रखे एक ही बार में, 2 मिनट में 100 मीटर की दूरी तक 35 किग्रा का वजन उठाकर ले जाने में सक्षम होना चाहिएउम्मीदवार को बिना वजन नीचे रखे एक ही बार में, 2 मिनटों में 100 मीटर की दूरी तक 20 किग्रा का वजन उठाकर ले जाने में सक्षम होना चाहिएउम्मीदवार को एक बार में 4 मिनट और 15 सेकंड में 1000 मीटर की दूरी तक दौड़ में योग्य होना चाहिएउम्मीदवार को एक बार में 5 मिनट और 40 सेकंड में 1000 मीटर की दूरी तक दौड़ में योग्य होना चाहिए

रेलवे ग्रुप डी भर्ती चयन प्रक्रिया (Railway Group D 2025 Selection Process)

रेलवे ग्रुप डी भर्ती में चयन प्रक्रिया तीन मुख्य चरणों में होती है:

1. कंप्यूटर आधारित टेस्ट (CBT)

सबसे पहले उम्मीदवार का कंप्यूटर आधारित टेस्ट (CBT) लिया जाएगा। इसमें सामान्य ज्ञान, गणित, सामान्य विज्ञान और तार्किक क्षमता से संबंधित प्रश्न पूछे जाएंगे। यह परीक्षा ऑनलाइन होती है और इसमें प्रश्न वस्तुनिष्ठ प्रकार के होंगे।

2. शारीरिक दक्षता परीक्षा (PET)

कंप्यूटर आधारित टेस्ट में पास होने पर उम्मीदवार को शारीरिक दक्षता परीक्षा (PET) के लिए बुलाया जाता है। इसके विवरण हमने ऊपर उपलब्ध करवा दिए हैं.

3. दस्तावेज़ सत्यापन और चिकित्सा परीक्षण

दोनों परीक्षाएं उत्तीर्ण होने के बाद उम्मीदवार का मेडिकल परीक्षण किया जाएगा। इसके बाद, उम्मीदवारों की शारीरिक और मानसिक फिटनेस की जांच की जाती है।

रेलवे ग्रुप डी भर्ती परीक्षा पैटर्न (Railway Group D Recruitment 2025 Exam Pattern)

रेलवे ग्रुप डीभर्ती 2025 की परीक्षा पैटर्न इस प्रकार होती है:

विषयप्रश्नों की संख्याअंकसामान्य विज्ञान25 प्रश्न25 अंकगणित25 प्रश्न25 अंकसामान्य ज्ञान30 प्रश्न30 अंकतार्किक क्षमता20 प्रश्न20 अंककुल100 प्रश्न100 अंक

समय सीमा: परीक्षा में कुल समय 90 मिनट होता है।

रेलवे ग्रुप डी भर्ती 2025 के लिए वेतन

रेलवे ग्रुप डी के तहत चयन होने वाले उम्मीदवार का वेतनमान 7वें वेतन आयोग के अनुसार वेतन प्रदान किया जाएगा। ग्रुप डी के तहत शुरुआती वेतन ₹18,000 प्रति माह होता है, जिसमें अन्य भत्ते अतिरिक्त, कर्मचारियों को मेडिकल सुविधाएं, हाउस रेंट अलाउंस (HRA), और अन्य लाभ अतिरिक्त रूप से दिए जाते हैं।

आवेदन प्रक्रिया (Railway Group D Vacancy 2025 Apply Online)

रेलवे ग्रुप डी में आवेदन करने के लिए उम्मीदवारों को भारतीय रेलवे की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होता है। वहां पर ग्रुप डी भर्ती 2025 के लिए ऑनलाइन आवेदन का लिंक दिखाई देगा। उस पर क्लिक करके फॉर्म भर पाएंगे. आवेदन निम्न दो प्रकार से होंगे:

स्टेप 1 – नया पंजीकरण (Railway Group D Bharti Registration 2025)

RRB Railway Group D vacancy 2025 मे ऑनलाइन आवेदन के लिए आपको आधिकारिक वेबसाइट को खोलना होगा.

होम पेज खोलने के बाद आपको RRB Railway Group D Recruitment Application Form2025 दिखाई देगा.

अब आप रेलवे ग्रुप डी अप्लाई ऑनलाइन फॉर्म पर क्लिक करके पंजीकरण प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं.

पंजीकरण प्रक्रिया में आपको पूछी गई सभी जानकारी को ध्यानपूर्वक भरना होगा,

सभी व्यक्तिगत एवं शैक्षणिक की जानकारी दर्ज करें।

अब आप आवेदन फार्म के पंजीकरण के लिए क्लिक करें.

पंजीकरण के बाद आपके लॉगिन आईडी और पासवर्ड प्राप्त हो जाएंगे.

अगली प्रक्रिया में उपयोग में लेने के लिए आपको आईडी और पासवर्ड याद रखने होंगे.

स्टेप 2 – लॉगिन और अप्लाई (RRB Railway Group D Recruitment 2025 Apply Online)

इंडियन रेलवे की आधिकारिक वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद आपके लॉगिन पेज पर जाना है.

लॉगिन पेज पर क्लिक करते ही आपने जो पंजीकरण प्रक्रिया में आईडी और पासवर्ड प्राप्त किए थे उन्हें दर्ज करें.

अब आप आवश्यक अन्य जरूरी दस्तावेज तथा फोटो और सिग्नेचर अपलोड करे .

अब आप अन्य जानकारी दर्ज करें।

उसके बाद अपनी कैटेगरी के अनुसार आवेदन शुल्क का भुगतान करें।

अंत में आवेदन फार्म को सबमिट कर दे तथा उसका प्रिंट आउट लेना ना भूले।

Cricket Matches on Boxing Day 2024: बॉक्सिंग डे पर क्रिकेट का धमाल, 26 दिसंबर को भारत, ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान समेत कई टीमें दिखाएंगी जलवा, देखें फुल शेड्यूल

 Cricket Matches on Boxing Day 2024: बॉक्सिंग डे पर क्रिकेट का धमाल, 26 दिसंबर को भारत, ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान समेत कई टीमें दिखाएंगी जलवा, देखें फुल शेड्यूल

सबसे बड़ा मुकाबला मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड में खेला जाएगा, जहां भारत और ऑस्ट्रेलिया की टीमें चौथे टेस्ट मैच में भिड़ेंगी. इसके अलावा, साउथ अफ्रीका और पाकिस्तान के बीच एकमात्र टेस्ट मैच खेला जाएगा, जबकि जिम्बाब्वे और अफगानिस्तान के बीच भी टेस्ट मुकाबला होगा

           

Cricket Matches on Boxing Day 2024: बॉक्सिंग डे का नाम सुनते ही खेल प्रेमियों के चेहरे पर एक अलग चमक आ जाती है. यह दिन न केवल त्योहार का उत्सव है, बल्कि खेल के मैदानों पर शानदार मुकाबलों का गवाह भी बनता है. खासकर क्रिकेट के मामले में, यह दिन हमेशा से ही खेल प्रशंसकों के लिए खास रहा है. इस साल 26 दिसंबर को तीन बड़े मुकाबले खेले जाएंगे, जहां भारतीय राष्ट्रीय क्रिकेट टीम, ऑस्ट्रेलिया राष्ट्रीय क्रिकेट टीम, पाकिस्तान राष्ट्रीय क्रिकेट टीम, साउथ अफ्रीका राष्ट्रीय क्रिकेट टीम, अफगानिस्तान राष्ट्रीय क्रिकेट टीम और जिम्बाब्वे राष्ट्रीय क्रिकेट टीम जैसी टीमें एक्शन में नजर आएंगी. सबसे बड़ा मुकाबला मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड में खेला जाएगा, जहां भारत और ऑस्ट्रेलिया की टीमें चौथे टेस्ट मैच में भिड़ेंगी. इसके अलावा, साउथ अफ्रीका और पाकिस्तान के बीच एकमात्र टेस्ट मैच खेला जाएगा, जबकि जिम्बाब्वे और अफगानिस्तान के बीच भी टेस्ट मुकाबला होगा

भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया

                      





भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच यह मुकाबला बॉक्सिंग डे टेस्ट के तौर पर खास महत्व रखता है. इस सीरीज में भारत ने पहला मैच जीतकर बढ़त बनाई थी, लेकिन ऑस्ट्रेलिया ने एडिलेड में जोरदार वापसी की. तीसरा मैच बारिश के कारण ड्रॉ हो गया, जिससे अब यह चौथा टेस्ट निर्णायक बन गया है. मेलबर्न में भारतीय टीम का प्रदर्शन ऐतिहासिक रूप से अच्छा रहा है, लेकिन हाल के वर्षों में उनकी सफलता की दर घटी है. वहीं, ऑस्ट्रेलिया अपनी घरेलू परिस्थितियों का फायदा उठाने की कोशिश करेगा.

समय: सुबह 5:00 बजे (IST)



स्थान: मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड



साउथ अफ्रीका बनाम पाकिस्तान

                      

पाकिस्तान ने हाल ही में साउथ अफ्रीका को वनडे सीरीज में 3-0 से हराया, जिससे मेजबान टीम पर दबाव काफी बढ़ गया है. हालांकि, टेस्ट क्रिकेट में साउथ अफ्रीका का घरेलू रिकॉर्ड शानदार है. यह मुकाबला दिलचस्प रहेगा, क्योंकि पाकिस्तान ने हाल के वर्षों में रेड बॉल क्रिकेट में बेहतरीन प्रदर्शन किया है.



समय: दोपहर 1:30 बजे (IST)





स्थान: साउथ अफ्रीका



जिम्बाब्वे बनाम अफगानिस्तान

                               

               

अफगानिस्तान की टीम इस मैच में युवा और अनुभवहीन जिम्बाब्वे टीम के खिलाफ प्रबल दावेदार मानी जा रही है. अफगानिस्तान के पास एक मजबूत टीम है, जो इस मुकाबले में अपना दबदबा बनाए रखने की कोशिश करेगी.



समय: दोपहर 1:30 बजे (IST)



स्थान: जिम्बाब्वे



पूरा कार्यक्रम



तारीखमैचटीमेंसमय (आईएसटी)26 दिसंबर 2024चौथा टेस्टभारत बनाम ऑस्ट्रेलियासुबह 5:00 बजे26 दिसंबर 2024पहला टेस्टसाउथ अफ्रीका बनाम पाकिस्तानदोपहर 1:30 बजे26 दिसंबर 2024पहला टेस्टजिम्बाब्वे बनाम अफगानिस्तानदोपहर 1:30 बजे



खेल प्रेमियों के लिए खास मौका



बॉक्सिंग डे 2024 का यह दिन क्रिकेट प्रेमियों के लिए यादगार रहेगा. मेलबर्न, साउथ अफ्रीका और जिम्बाब्वे के मैदानों से आने वाले रोमांचक मुकाबलों की पूरी दुनिया में चर्चा होगी. अब देखना यह होगा कि किस टीम के प्रदर्शन से खेल प्रेमियों का दिल जीतता है.






निकोलस कैसे बने सांता क्लॉस, पढ़ें ये कथा,क्रिसमस डे 2024

     

"Christmas Day 2024 : निकोलस कैसे बने सांता क्लॉस, पढ़ें ये कथा, जानें घर के बाहर जुराबे क्यों सुखाते हैं बच्चे?
क्रिसमस डे का सेलिब्रेशन शुरू हो चुका है। हर साल 25 दिसंबर को क्रिसमस डे मनाया जाता है। प्रचलित कहानियों के अनुसार चौथी शताब्दी में एशिया माइनर की एक जगह मायरा (अब तुर्की) में सेंट निकोलस नाम का जगह है.

                        

क्रिसमस डे का सेलिब्रेशन शुरू हो चुका है। हर साल 25 दिसंबर को क्रिसमस डे मनाया जाता है। प्रचलित कहानियों के अनुसार चौथी शताब्दी में एशिया माइनर की एक जगह मायरा (अब तुर्की) में सेंट निकोलस नाम का एक शख्स रहता था। जो बहुत अमीर था, लेकिन उनके माता-पिता का देहांत हो चुका था। वो हमेशा गरीबों की चुपके से मदद करता था। उन्हें सीक्रेट गिफ्ट देकर खुश करने की कोशिश करता रहता था।एक दिन निकोलस को पता चला कि एक गरीब आदमी की तीन बेटियां है, जिनकी शादियों के लिए उसके पास बिल्कुल भी पैसा नही है। ये बात जान निकोलस इस शख्स की मदद करने पहुंचे। एक रात वो इस आदमी की घर की छत में लगी चिमनी के पास पहुंचे और वहां से सोने से भरा बैग डाल दिया। उस दौरान इस गरीब शख्स ने अपना मोज़ा सुखाने के लिए चिमनी में लगा रखा था। पूरी दुनिया में क्रिसमस के दिन मोजे में गिफ्ट देने यानी सीक्रेट सैंटा बनने का रिवाज है।

इस मोजे में अचानक सोने से भरा बैग उसके घर में गिरा। ऐसा एक बार नहीं बल्कि तीन बार हुआ। आखिरी बार में इस आदमी ने निकोलस ने देख लिया। निकोलस ने यह बात किसी को ना बताने के लिए कहा। लेकिन जल्द ही इस बात का शोर बाहर हुआ। उस दिन से जब भी किसी को कोई सीक्रेट गिफ्ट मिलता सभी को लगता कि यह निकोलस ने दिया। धीरे-धीरे निकोलस की ये कहानी पॉपुलर हुई। क्योंकि क्रिसमस के दिन बच्चों को तोहफे देने का प्रथा रही है। इसीलिए सबसे पहले यूके खासकर इंग्लैंड में निकोलस की कहानी को आधार बनाया और उन्हें फादर क्रिसमस और ओल्ड मैन क्रिसमस नाम दिया गया। इसके बाद पूरी दुनिया में क्रिसमस के दिन मोज़े में गिफ्ट देने यानी सीक्रेट सेंटा बनने का रिवाज आगे बढ़ता चला गया।

                       

निकोलस एक संत के रूप में बहुत प्रसिद्ध हो गए और न केवल आम आदमी बल्कि चोर-लुटेरे और डाकू भी उन्हें चाहने लगे। उनकी प्रसिद्धि चहुं ओर फैलने लगी और जब उनकी प्रसिद्धि उत्तरी यूरोप में भी फैली तो लोगों ने आदरपूर्वक निकोलस को 'क्लॉज' कहना शुरू कर दिया। चूंकि कैथोलिक चर्च ने उन्हें 'संत' का ओहदा दिया था, इसलिए उन्हें 'सेंट क्लॉज' कहा जाने लगा। यही नाम बाद में 'सेंटा क्लॉज' बन गया, जो वर्तमान में 'सांता क्लॉज' के नाम से प्रसिद्ध है।

क्रिसमस के दिन रात में अपने घर के बाहर जुराबे क्यों सुखाते हैं बच्चे?

क्रिसमस के दिन कुछ देशों में ईसाई परिवारों के बच्चे रात के समय अपने-अपने घरों के बाहर अपनी जुराबें सुखाते भी देखे जा सकते हैं। इसके पीछे मान्यता यह है कि सांता क्लॉज रात के समय आकर उनकी जुराबों में उनके मनपसंद उपहार भर जाएंगे। इस बारे में भी एक कथा प्रचलित है। कहा जाता है कि एक बार सांता क्लॉज ने देखा कि कुछ गरीब परिवारों के बच्चे आग पर सेंककर अपनी जुराबें सुखा रहे हैं। जब बच्चे सो गए तो सांता क्लॉज ने उनकी जुराबों में सोने की मोहरें भर दी और चुपचाप वहां से चले गए।


कुएं का विवाह

 

कुएं का विवाह

                    

                   


क बार राजा कॄष्णदेव राय और तेनालीराम के बीच किसी बात को लेकर विवाद हो गया। तेनालीराम रुठकर चले गए। आठ-दस दिन बीते, तो राजा का मन उदास हो गया। राजा ने तुरन्त सेवको को तेनालीराम को खोजने भेजा। आसपास का पूरा क्षेत्र छान लिया पर तेनालीराम का कहीं अता-पता नहीं चला। अचानक राजा को एक तरकीब सूझी। उसने सभी गांवों में मुनादी कराई राजा अपने राजकीय कुएं का विवाह रचा रहे हैं, इसलिए गांव के सभी मुखिया अपने-अपने गांव के कुओं को लेकर राजधानी पहुंचे। जो आदमी इस आज्ञा का पालन नहीं करेगा, उसे जुर्माने में एक हजार स्वर्ण मुद्राएं देनी होंगी। मुनादी सुनकर सभी परेशान हो गए। भला कुएं भी कहीं लाए-ले जाए जा सकते हैं।

जिस गांव में तेनालीराम भेष बदलकर रहता था, वहां भी यह मुनादी सुनाई दी। गांव का मुखिया परेशान था। तेनालीराम समझ गए कि उसे खोजने के लिए ही महाराज ने यह चाल चली हैं। तेनालीराम ने मुखिया को बुलाकर कहा “मुखियाजी, आप चिंता न करें, आपने मुझे गांव में आश्रय दिया हैं, इसलिए आपके उपकार का बदला में चुकाऊंगा। मैं एक तरकीब बताता हूं आप आसपास के मुखियाओं को इकट्ठा करके राजधानी की ओर प्रस्थान करें”। सलाह के अनुसार सभी राजधानीकी ओर चल दिए। तेनालीराम भी उनके साथ थे।

राजधानी के बाहर पहुंचकर वे एक जगह पर रुक गए। एक आदमी को मुखिया का संदेश देकर राजदरबार में भेजा। वह आदमी दरबार में पहुंचा और तेनालीराम की राय के अनुसार बोला “महाराज! हमारे गांव के कुएं विवाह में शामिल होने के लिए राजधानी के बाहर डेरा डाले हैं। आप मेहरबानी करके राजकीय कुएं को उनकी अगवानी के लिए भेजें, ताकि हमारे गांव के कुएं ससम्मान दरबार के सामने हाजिर हो सकें।

राजा को उनकी बात समझते देर नहीं लगी कि ये तेनालीराम की तरकीब हैं। राजा ने पूछा सच-सच बताओ कि तुम्हें यहाक्ल किसने दी हैं? राजन! थोडे दिन पहले हमारे गांव में एक परदेशी आकर रुका था। उसी ने हमें यह तरकीब बताई हैं आगंतुक ने जवाब दिया। सारी बात सुनकर राजा स्वयं रथ पर बैठकर राजधानी से बाहर आए और ससम्मान तेनालीराम को दरबार में वापस लाए। गांव वालो को भी पुरस्कार देकर विदा किया।

तेनालीराम और कंजूस सेठ


•तेनालीराम और कंजूस सेठ

                             

राजा कृष्णदेव राय के राज्य में एक कंजूस सेठ रहता था। उसके पास धन की कोई कमी न थी, पर एक पैसा भी जेब से निकालते समय उसकी नानी मर जाती थी। एक बार उसके कुछ मित्रों ने हँसी-हँसी में एक कलाकार से अपना चित्र बनवाने के लिए उसे राजी कर लिया, उसके सामने वह मान तो गया, पर जब चित्रकार उसका चित्र बनाकर लाया, तो सेठ की हिम्मत न पड़ी कि चित्र के मूल्य के रूप में चित्रकार को सौ स्वर्णमुद्राएँ दे दे।
यों वह सेठ भी एक तरह का कलाकार ही था। चित्रकार को आया देखकर सेठ अंदर गया और कुछ ही क्षणों में अपना चेहरा बदलकर बाहर आया। उसने चित्रकार से कहा, ‘तुम्हारा चित्र जरा भी ठीक नहीं बन पड़ा। तुम्हीं बताओ, क्या यह चेहरा मेरे चेहरे से जरा भी मिलता है?’ चित्रकार ने देखा, सचमुच चित्र सेठ के चेहरे से जरा भी नहीं मिलता था।

तभी सेठ बोला, ‘जब तुम ऐसा चित्र बनाकर लाओगे, जो ठीक मेरी शक्ल से मिलेगा, तभी मैं उसे खरीदूँगा।’ दूसरे दिन चित्रकार एक और चित्र बनाकर लाया, जो हूबहू सेठ के उस चेहरे से मिलता था, जो सेठ ने पहले दिन बना रखा था। इस बार फिर सेठ ने अपना चेहरा बदल लिया और चित्रकार के चित्र में कमी निकालने लगा। चित्रकार बड़ा लज्जित हुआ। उसकी समझ में नहीं आ रहा था कि इस तरह की गलती उसके चित्र में क्यों होती है?

अगले दिन वह फिर एक नया चित्र बनाकर ले गया, पर उसके साथ फिर वही हुआ। अब तक उसकी समझ में सेठ की चाल आ चुकी थी। वह जानता था कि यह मक्खीचूस सेठ असल में पैसे नहीं देना चाहता, पर चित्रकार अपनी कई दिनों की मेहनत भी बेकार नहीं जाने देना चाहता था। बहुत सोच-विचारकर चित्रकार तेनालीराम के पास पहुँचा और अपनी समस्या उनसे कह सुनाई। कुछ समय सोचने के बाद तेनालीराम ने कहा-‘कल तुम उसके पास एक शीशा लेकर जाओ और कहो कि आपकी बिलकुल असली तस्वीर लेकर आया हूँ। अच्छी तरह मिलाकर देख लीजिए। कहीं कोई अंतर आपको नहीं मिलेगा। बस, फिर अपना काम हुआ ही समझो।’ अगले दिन चित्रकार ने ऐसा ही किया।

वह शीशा लेकर सेठ के यहाँ पहुँचा और उसके सामने रख दिया। ‘लीजिए, सेठ जी, आपका बिलकुल सही चित्र। गलती की इसमें जरा भी गुंजाइश नहीं है।’ चित्रकार ने अपनी मुस्कराहट पर काबू पाते हुए कहा। ‘लेकिन यह तो शीशा है।’सेठ ने झुँझलाते हुए कहा। ‘आपकी असली सूरत शीशे के अलावा बना भी कौन सकता है? जल्दी से मेरे चित्रों का मूल्य एक हजार स्वर्णमुद्राएँ निकालिए।’ चित्रकार बोला। सेठ समझ गया कि यह सब तेनालीराम की सूझबूझ का परिणाम है। उसने तुरंत एक हजार स्वर्णमुद्राएँ चित्रकार को दे दीं। तेनालीराम ने जब यह घटना महाराज कृष्णदेव राय को बताई तो वह खूब हँसे।

Monday, December 23, 2024

कीमती उपहार:


•कीमती उपहार:

                              

लड़ाई जीतकर राजा कृष्णदेव राय ने विजय उत्सव मनाया। उत्सव की समाप्ति पर राजा ने कहा- ‘लड़ाई की जीत अकेले मेरी जीत नहीं है-मेरे सभी साथियों और सहयोगियों की जीत है। मैं चाहता हूँ कि मेरे मंत्रिमंडल के सभी सदस्य इस अवसर पर पुरस्कार प्राप्त करें। आप सभी लोग अपनी-अपनी पसंद का पुरस्कार लें। परंतु एक शर्त है कि सभी को अलग-अलग पुरस्कार लेने होंगे। एक ही चीज दो आदमी नहीं ले सकेंगे।’ यह घोषणा करने के बाद राजा ने उस मंडप का पर्दा खिंचवा दिया, जिस मंडप में सारे पुरस्कार सजाकर रखे गए थे। फिर क्या था! सभी लोग अच्छे-से-अच्छा पुरस्कार पाने के लिए पहल करने लगे। पुरस्कार सभी लोगों की गिनती के हिसाब से रखे गए थे।


अतः थोड़ी देर की धक्का-मुक्की और छीना-झपटी के बाद सबको एक-एक पुरस्कार मिल गया। सभी पुरस्कार कीमती थे। अपना-अपना पुरस्कार पाकर सभी संतुष्ट हो गए।अंत में बचा सबसे कम मूल्य का पुरस्कार-एक चाँदी की थाली थी।


यह पुरस्कार उस आदमी को मिलना था, जो दरबार में सबके बाद पहुँचे यानी देर से पहुँचने का दंड। सब लोगों ने जब हिसाब लगाया तो पता चला कि श्रीमान तेनालीराम अभी तक नहीं पहुँचे हैं। यह जानकर सभी खुश थे।


सभी ने सोचा कि इस बेतुके, बेढंगे व सस्ते पुरस्कार को पाते हुए हम सब तेनालीराम को खूब चिढ़ाएँगे। बड़ा मजा आएगा। तभी श्रीमान तेनालीराम आ गए। सारे लोग एक स्वर में चिल्ला पड़े, ‘आइए, तेनालीराम जी! एक अनोखा पुरस्कार आपका इंतजार कर रहा है।’ तेनालीराम ने सभी दरबारियों पर दृष्टि डाली।


सभी के हाथों में अपने-अपने पुरस्कार थे। किसी के गले में सोने की माला थी, तो किसी के हाथ में सोने का भाला। किसी के सिर पर सुनहरे काम की रेशम की पगड़ी थी, तो किसी के हाथ में हीरे की अँगूठी। तेनालीराम उन सब चीजों को देखकर सारी बात समझ गया। उसने चुपचाप चाँ

ऊँट का कूबड

 

ऊँट का कूबड

                   



एक बार राजा कॄष्णदेव राय तेनाली राम के किसी तर्क से बहुत प्रसन्न हुए और बोले, “तेनाली, तुमने आज मुझे प्रसन्न कर दिया, एसके बदले, मैं एक पूरा नगर तुम्हें उपहार स्वरुप देता हूँ।”


तेनाली ने झुककर उनको धन्यवाद कहा। इसके बाद कई दिन बीत गए, परन्तु राजा कॄष्णदेव राय ने अपना वचन पूरा नहीं किया। वे तेनाली को एक नगर उपहार में देने का अपना वचन भूल गए थे। राजा के इस प्रकार वचन भूल जाने से तेनाली बडा परेशान था। उसे समझ नहीं आ रहा था कि क्या करे। परन्तु फिर भी राजा को उनका वचन याद दिलवाना तेनाली को अच्छा नहीं लग रहा था। इसलिए वह एक उचित मौके की तलाश में था।


एक दिन एक अरबी व्यक्ति विजयनगर आया, उसके पास एक ऊँट था। लोगों की भारी भीड ऊँट को देखने के लिए इकट्ठी हो गई, क्योंकि उनके लिए वह एक अजूबा था । उन्होंने ऊँट के बारे में सुना था, पर कभी ऊँट देखा नहीं था। राजा एवं तेनाली भी ऊँट नामक इस अजीबो-गरीब जानवर को देखने आए।


दोनों एक साथ खडे हुए ऊँट को देख रहे थे। राजा बोले, तेनाली, निःसन्देह ऊँट एक विचित्र जानवर है। इसकी लम्बी गर्दन तथा कमर पर दो कूबड हैं। मैं हैरान हूँ कि भगवान ने ऐसा विचित्र तथा बदसूरत प्राणी पॄथ्वी पर क्यों भेजा?”


राजा कॄष्णदेव राय की इस बात पर तेनाली को जवाब देने का अवसर मिला और वह सदैव की तरह आज भी अपने उत्तर के साथ तैयार था । वह बोला, “महाराज, शायद …. शायद क्या बल्कि अवश्य ही यह ऊँट अपने पूर्वजन्म में कोई राजा रहा होगा और शायद इसने भी कभी किसी को उपहार स्वरुप नगर देने का वचन दिया होगा और फिर बाद में भूल गया होगा। अतः दण्ड के रूप में ईश्वर ने इसे इस प्रकार का रुप दिया होगा।”


पहले तो राजा को यह तेनाली की एक बुद्धिपूर्ण काल्पनिक कहानी लगी, परन्तु कुछ समय पश्चात ही उन्हे तेनाली को दिया हुआ अपना वचन याद आ गया।


अपने शाही मह�

अपराधी कौन


• अपराधी कौन

                        

एक दिन राजा कॄष्णदेव राय व उनके दरबारी, दरबार में बैठे थे। तेनाली राम भी वहीं थे । अचानक एक चरवाहा वहॉ आया और बोला, ” महाराज, मेरी सहायता कीजिए। मेरे साथ न्याय कीजिए।”

“बताओ, तुम्हारे साथ क्या हुआ है?” राजा ने पूछा।


“महाराज, मेरे पडोस मे एक कंजूस आदमी रहता है। उसका घर बहुत पुराना हो गया है, परन्तु वह उसकी मरम्मत नहीं करवाता। कल उसके घर की एक दीवार गिर गई और मेरी बकरी उसके नीचे दबकर मर गई। कॄपया मेरे पडोसी से मेरी बकरी का हर्जाना दिलवाने में मेरी सहायता कीजिए।”


महाराज के कुछ कहने के पहले ही तेनाली राम अपने स्थान से उठा और बोला, “महाराज, मेरे विचार से दीवार टूटने के लिए केवल इसके पडोसी को दोषी नहीं ठहराया जा सकता।”


“तो फिर तुम्हारे विचार में दोषी कौन है?” राजा ने पूछा।


“महाराज, यदि आप मुझे अभी थोडा समय दें, तो मैं इस बात की गहराई तक जाकर असली अपराधी को आपके सामने प्रस्तुत कर दूंगा।” तेनाली राम ने कहा।


राजा ने तेनाली राम के अनुरोध को मान कर उसे समय प्रदान कर दिया। तेनाली राम ने चरवाहे के पडोसी को बुलाया और उसे मरी बकरी का हर्जाना देने के लिए कहा। पडोसी बोला, “महोदय, इसके लिए मैं दोषी नहीं हूँ। यह दीवार तो मैंने मिस्त्री से बनवाई थी, अतः असली अपराधी तो वह मिस्त्री है, जिसने वह दीवार बनाई। उसने इसे मजबूती से नहीं बनाया। अतः वह गिर गई।”


तेनाली राम ने मिस्त्री को बुलवाया। मिस्त्री ने भी अपने को दोषी मानने से इनकार कर दिया और बोला, “अन्नदाता, मुझे व्यर्थ ही दोषी करार दिया जा रहा है जबकि मेरा इसमें कोई दोष नहीं है। असली दोष तो उन मजदूरों का है, जिन्होंने गारे में अधिक पानी मिलाकर मिश्रण को खराब बनाया, जिससे ईंटें अच्छी तरह से चिपक नहीं सकीं और दीवार गिर गई। आपको हर्जाने के लिए उन्हें बुलाना चाहिए।”


विराट कोहली ने कोंस्टास को टक्कर मारी, आईसीसी ने की ये कार्रवाई

  विराट कोहली ने कोंस्टास को टक्कर मारी, आईसीसी ने की ये कार्रवाई भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच मेलबर्न में बॉक्सिंग डे टेस्ट के पहले ही दिन ऐस...